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महिलाओं को ऑफिस में क्यों लगती है ज्यादा ठंड? रिसर्च ने खोला राज…!

ऑफिस में काम करते समय आपने अक्सर देखा होगा कि महिलाएं शॉल, जैकेट या स्कार्फ ओढ़े बैठी रहती हैं, जबकि पुरुष हाफ स्लीव्स शर्ट में आराम से काम कर रहे होते हैं। कई बार एसी की सेटिंग को लेकर ऑफिस में खींचतान भी होती है—जहाँ पुरुष कूलिंग बढ़वाना चाहते हैं, वहीं महिलाएं इसे कम करने की मांग करती हैं। क्या यह सिर्फ व्यक्तिगत पसंद का मामला है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है? हाल की रिसर्च और एक्सपर्ट्स की राय से इस सवाल का जवाब सामने आया है।

महिलाओं को

महिलाओं को ज्यादा ठंड लगने के पीछे ये हैं बड़े कारण:

धीमा मेटाबॉलिज्म:

महिलाओं का शरीर ऊर्जा को पुरुषों की तुलना में धीरे-धीरे खर्च करता है। इसका मतलब शरीर कम गर्मी पैदा करता है, जिससे ठंड जल्दी महसूस होती है।

फिजिकल एपीयरेंस:

महिलाओं में मांसपेशियाँ (मसल्स) कम और फैट ज्यादा होता है। फैट शरीर को ढकता तो है, लेकिन यह गर्मी बनाए रखने में उतना प्रभावी नहीं है, जिससे ठंड महसूस होती है।

हार्मोनल बदलाव:

पीरियड्स के दौरान हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे शरीर का तापमान प्रभावित होता है और ठंड लगने का एहसास बढ़ जाता है।

कम ब्लड प्रेशर:

कई महिलाओं में ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से शरीर ठंड के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

विटामिन की कमी:

बिजी लाइफस्टाइल के चलते कई महिलाएं सही आहार नहीं ले पातीं, जिससे विटामिन डी, कैल्शियम जैसी आवश्यकताओं की कमी हो जाती है और शरीर ठंड से जूझता है।

रिसर्च ने क्या बताया?

2019 में पीएलओएस वन में छपी स्टडी में 500 प्रतिभागियों को शामिल कर यह पाया गया कि टेंपरेचर महिलाओं की काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है। जब कमरे का तापमान थोड़ा गर्म था, तो महिलाओं ने गणित और भाषा से जुड़े काम बेहतर किए। वहीं पुरुषों ने ठंडे कमरे में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन फर्क बहुत कम था।
रिसर्चर्स का मानना है कि ऑफिस का टेंपरेचर बढ़ाकर महिलाओं की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है, जबकि पुरुषों की कार्यक्षमता पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

2015 में नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑफिस का टेंपरेचर आज भी औसत 40 साल के पुरुष के मेटाबॉलिज्म के आधार पर तय होता है, जिससे महिलाओं की असल जरूरत से लगभग 35% कम गर्मी मिलती है।

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

दिल्ली की इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. गीता प्रकाश के अनुसार, महिलाओं में ठंड का एहसास कई कारकों से जुड़ा है:

कम ब्लड प्रेशर

गलत खानपान

विटामिन की कमी

लंबे समय तक एसी में रहने से शरीर में अकड़न

वे सलाह देती हैं कि ऑफिस में नियमित रूप से चलना-फिरना चाहिए। रोजाना एक्सरसाइज से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, मांसपेशियाँ मजबूत रहती हैं और इम्युनिटी बढ़ती है।

ऑफिस का आदर्श टेंपरेचर

भारत के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) ने 2020 से ऑफिस एसी का डिफॉल्ट टेंपरेचर 24°C तय किया है, जो अधिकांश लोगों के लिए आरामदायक माना गया है। भीड़ अधिक होने पर इसे 22°C तक घटाया जा सकता है, लेकिन एसी को अत्यधिक ठंडा करने से बचना चाहिए ताकि स्वास्थ्य और कार्यक्षमता दोनों प्रभावित न हों।

समाधान और सुझाव:

ऑफिस में टेंपरेचर 24°C के आसपास रखें।
महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था ऐसी हो जहाँ वे जरूरत के अनुसार आरामदायक कपड़े पहन सकें।
नियमित ब्रेक लेकर हल्की एक्सरसाइज करें।
पोषण से भरपूर डाइट लें और विटामिन डी व कैल्शियम की कमी को पूरा करें।
ऑफिस में एक संतुलित और लचीला माहौल बनाएं जिससे सभी कर्मचारी आराम से काम कर सकें।

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