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पंजाब बाढ़ 2025: 1902 गांव डूबे, 4 लाख लोग प्रभावित, 43 की मौत – केंद्र सरकार से मदद की अपील

पंजाब बाढ़ 2025: पंजाब इन दिनों दशकों की सबसे भीषण बाढ़ आपदा से जूझ रहा है। भारी बारिश और नदियों में उफान ने राज्य में तबाही मचा दी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 23 जिलों के 1,902 गांव पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। इस बाढ़ से करीब 3.84 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 1.71 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।

1902 गांव डूबे, 4 लाख लोग प्रभावित


जानमाल का नुकसान

राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।


मौतें इन जिलों में हुईं:

  • होशियारपुर – 7
  • पठानकोट – 6
  • बरनाला, अमृतसर – 5-5
  • लुधियाना, बठिंडा – 4-4
  • मनसा – 3
  • गुरदासपुर, एसएएस नगर – 2-2
  • पटियाला, रुपनगर, संगरूर, फाजिल्का, फिरोजपुर – 1-1

AAP और केंद्र सरकार से मदद की अपील

दिल्ली के आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब गंभीर संकट से गुजर रहा है और केंद्र सरकार को तुरंत मदद करनी चाहिए। उन्होंने अफगानिस्तान में भेजी गई राहत सामग्री का जिक्र करते हुए कहा कि “जब बाहर मदद भेजी जा सकती है तो अपने ही राज्य को भी मदद दी जानी चाहिए।”

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह का दौरा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और भरोसा दिलाया कि केंद्र पंजाब के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि दो केंद्रीय दल स्थिति का आकलन करेंगे और जल्द ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

राज्यपाल की रिपोर्ट और मुख्यमंत्री की तैयारी

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने शिवराज सिंह को बाढ़ की रिपोर्ट सौंपी। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हर प्रभावित गांव में एक गजटेड अधिकारी तैनात करने का आदेश दिया है ताकि लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो सके।

बांध और नदियों की स्थिति

  • भाखड़ा बांध से 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, हालांकि जलस्तर अभी स्थिर बताया गया।
  • सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों में उफान ने हालात बिगाड़े हैं।
  • पटियाला प्रशासन ने घग्गर नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है।

क्यों आई बाढ़?

विशेषज्ञों के अनुसार, यह आपदा हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद आई। लगातार हो रही बरसात ने पंजाब की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

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