Ganesh Visarjan : बप्पा को श्रद्धापूर्वक विदा करने की संपूर्ण विधि
नई दिल्ली – अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशोत्सव का समापन गणपति बप्पा के विसर्जन के साथ होता है। शास्त्रों के अनुसार पूजा का फल तभी पूर्ण माना जाता है, जब उसका समापन श्रद्धा और विधि-विधान से किया जाए। गणेश विसर्जन केवल एक धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक साधना का समापन भी है। आइए जानते हैं, गणेशजी के विसर्जन की संपूर्ण प्रक्रिया:

विसर्जन से पहले की तैयारी
घर को अच्छी तरह साफ-सुथरा करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
गणेशजी की विधिवत पूजा-अर्चना करें और मोदक सहित विभिन्न भोग लगाएं।
आरती उतारकर बप्पा से विदा लेने की प्रार्थना करें।
यात्रा की तैयारी
दो पोटलियां बनाएं:
पहली पोटली में फूल, फल, मिठाई और मोदक रखें।
दूसरी पोटली में गेहूं, चावल, पंचमेवा और कुछ सिक्के रखें।
दोनों पोटलियां गणेशजी की प्रतिमा के पास रखें, ताकि यात्रा के दौरान बप्पा की सभी आवश्यकताओं का ध्यान रहे।
प्रतिमा की विदाई
गुलाबी कपड़े से सजे पटले पर प्रतिमा को सम्मानपूर्वक स्थापित करें।
विसर्जन से पहले मूर्ति को पूरे घर में घुमाकर सभी का आशीर्वाद लें।
घर की चौखट से बाहर निकलते समय गणेशजी का मुख घर की ओर रखें और पीठ बाहर की ओर।
विसर्जन की अंतिम विधि
विसर्जन स्थल पर पहुंचकर एक बार फिर आरती करें और क्षमा याचना करें।
मूर्ति को धीरे-धीरे और सम्मानपूर्वक जल में प्रवाहित करें।
अंत में प्रार्थना करें कि बप्पा अगले वर्ष शीघ्र घर पधारें और परिवार पर कृपा बनाए रखें।
विसर्जन के दौरान इन मंत्र का करें जप
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥