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Anant Chaturdashi 2025: इस दिन होगा गणपति विसर्जन, जानें शुभ मुहूर्त, परंपराएं और महत्व

नई दिल्ली: गणेश उत्सव 2025 अब अपने समापन की ओर है। भक्तों के घरों और पंडालों में विराजमान गणपति बप्पा को अनंत चतुर्दशी के दिन धूमधाम से विदा किया जाएगा। इस दिन को गणपति विसर्जन के लिए सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में यह पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा।

Anant Chaturdashi 2025

गणेश उत्सव 2025 समापन

  • अनंत चतुर्दशी (विसर्जन दिवस): 6 सितंबर, शनिवार

गणपति विसर्जन 2025: शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी पर कई शुभ लग्न होते हैं, जब गणपति विसर्जन किया जा सकता है:

सुबह के मुहूर्त:

  • सुबह 07:44 बजे से 09:18 बजे तक
  • सुबह 09:18 बजे से 10:52 बजे तक
  • सुबह 10:52 बजे से 12:26 बजे तक

दोपहर का मुहूर्त:

  • दोपहर 01:59 बजे से 03:33 बजे तक

शाम का मुहूर्त:

  • शाम 06:41 बजे से 08:07 बजे तक

इन मुहूर्तों में गणपति विसर्जन करना विशेष फलदायक और शुभ माना जाता है।


गणेश विसर्जन की पारंपरिक विधि

  • विसर्जन से पहले गणपति बप्पा की अंतिम पूजा की जाती है।
  • उन्हें मोदक, लड्डू और अन्य प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं।
  • पूरा परिवार मिलकर आरती और मंत्रोच्चार करता है — “ॐ गं गणपतये नमः”।
  • अक्षत और दही को लाल कपड़े में बांधकर मूर्ति के पास रखा जाता है — यह समृद्धि और शुभता का प्रतीक होता है।
  • इसके बाद मूर्ति को सम्मानपूर्वक जल में विसर्जित किया जाता है।

पर्यावरण की रक्षा के लिए इको-फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है।


गणेश विसर्जन का आध्यात्मिक महत्व

अनंत चतुर्दशी का दिन इस बात का प्रतीक है कि हर शुभ शुरुआत का एक अंत भी होता है। गणपति का विसर्जन यह दर्शाता है कि भगवान गणेश अब अपने लोक लौट रहे हैं, लेकिन भक्तों से वादा कर जाते हैं कि वे अगले वर्ष फिर लौटेंगे।

भक्तों की मान्यता है कि इन दस दिनों में बप्पा उनके सारे दुःख और विघ्नों को हर लेते हैं। विसर्जन के समय, “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” की गूंज वातावरण को भक्तिभाव से भर देती है।

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