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पेट के बल सोने से हो सकते हैं गंभीर नुकसान, जानें स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और सुधारने के उपाय

Health news: पेट के बल सोने की आदत शुरुआत में भले ही आरामदायक लगे, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस मुद्रा से रीढ़ की हड्डी, गर्दन, सांस, पाचन तंत्र और त्वचा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। लंबे समय तक पेट के बल सोने से कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए इसे जल्द से जल्द बदलना जरूरी है।

पेट के बल सोने से


पेट के बल सोने से होने वाले नुकसान

1. गर्दन में दर्द और अकड़न
पेट के बल सोते समय सिर को एक तरफ मोड़ना पड़ता है, जिससे गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ जाता है। इससे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और गर्दन में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

2. रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव
इस मुद्रा में रीढ़ की प्राकृतिक संरचना बिगड़ जाती है। कमर दर्द, नसों पर दबाव और झुनझुनी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह स्थिति लंबे समय में स्पाइनल एलाइमेंट बिगाड़ सकती है।

3. सांस लेने में कठिनाई
पेट दबने के कारण डायाफ्राम की मूवमेंट प्रभावित होती है। इससे फेफड़ों को पूरी तरह फैलने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो सकती है।

4. महिलाओं के लिए खतरनाक
प्रेगनेंसी के दौरान पेट के बल सोना गर्भस्थ शिशु पर दबाव डाल सकता है, जिससे माँ और बच्चे दोनों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

5. नींद की गुणवत्ता में गिरावट
इस मुद्रा में बार-बार करवट बदलने की जरूरत महसूस होती है, जिससे नींद बार-बार टूटती है और गहरी नींद में जाने में दिक्कत होती है।

6. चेहरे और त्वचा पर प्रभाव
तकिए से बार-बार चेहरे का दबना त्वचा में जलन, मुंहासे और झुर्रियों जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।


आदत बदलने के लिए उपाय

पीठ के बल सोएं – यह मुद्रा रीढ़ के लिए सबसे सही मानी जाती है। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है।
करवट लेकर सोएं – खासकर बायीं करवट सोना पाचन और रक्त संचार के लिए लाभकारी है।
तकिए का सही इस्तेमाल करें – पेट के नीचे तकिया रखने से बचें। इसके बजाय घुटनों के नीचे तकिया रखकर सपोर्ट लें।
आदत बदलने की शुरुआत करें – तकिए की स्थिति बदलकर या सपोर्ट देकर धीरे-धीरे पेट के बल सोने की आदत को कम करें।


निष्कर्ष

पेट के बल सोना भले ही आसान लगे, लेकिन लंबे समय में यह आपके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। नींद की गुणवत्ता, शरीर की संरचना और शारीरिक संतुलन बनाए रखने के लिए सही मुद्रा में सोना आवश्यक है।

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