परिवर्तिनी एकादशी 2025: व्रत, पूजा विधि और दान का महत्व, जानें शुभ मुहूर्त
Parivartini Ekadashi 2025 Date & Significance: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे पार्श्व एकादशी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा व व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासतौर पर दान-पुण्य करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी व्रत 3 सितंबर 2025 को रखा जाएगा, जबकि व्रत पारण 4 सितंबर 2025 को किया जाएगा।
परिवर्तिनी एकादशी 2025: शुभ मुहूर्त
पूजा व दान का समय (लाभ व अमृत मुहूर्त): सुबह 06:00 AM से 09:10 AM तक
शाम का शुभ समय: 05:05 PM से 06:40 PM तक
व्रत पारण का मुहूर्त (4 सितंबर): 01:36 PM से 04:07 PM तक
परिवर्तिनी एकादशी पर क्या दान करना चाहिए?
अन्न, भोजन और पानी: जरूरतमंदों व ब्राह्मणों को भोजन कराना या अन्न व पानी का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
घी और गुड़: घर में सुख-समृद्धि व सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए घी और गुड़ का दान करें।
गौदान: शास्त्रों में गाय का दान सर्वोत्तम माना गया है। इस दिन गौसेवा व गौदान से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
हल्दी: आर्थिक परेशानियों से मुक्ति और दरिद्रता दूर करने के लिए हल्दी का दान करें।
पीले वस्त्र: विष्णुजी को प्रसन्न करने और घर में समृद्धि बढ़ाने के लिए पीले वस्त्र दान करना श्रेष्ठ है।
तिल: शनि दोष से राहत और विष्णु कृपा पाने के लिए तिल का दान करें।
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में करवट बदलते हैं। इसी वजह से इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी व्रत करने से साधक को पापों से मुक्ति, मोक्ष की प्राप्ति और जीवन में सकारात्मकता मिलती है।