सूडान के दारफुर में भूस्खलन से तबाही: एक गांव पूरी तरह मिटा, 1000 से अधिक की मौत, गृहयुद्ध के बीच बढ़ा मानवीय संकट
दारफुर सूडान: अफ्रीकी देश सूडान इन दिनों न सिर्फ भयावह गृहयुद्ध से जूझ रहा है, बल्कि अब उसे एक और भयंकर प्राकृतिक आपदा ने हिला कर रख दिया है। मध्य दारफुर के मर्राह पर्वत में आए विनाशकारी भूस्खलन ने एक पूरे गांव को तबाह कर दिया है, जिसमें कम से कम 1000 लोगों की मौत हो गई है। यह घटना सूडान के हालिया इतिहास की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदाओं में से एक मानी जा रही है।
तरासिन गांव पूरी तरह जमींदोज, केवल एक व्यक्ति जीवित
सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी (SLM-A) के अनुसार, यह हादसा अगस्त के अंतिम सप्ताह में लगातार भारी बारिश के बाद रविवार को मर्राह पर्वत श्रृंखला के तरासिन गांव में हुआ। संगठन ने बयान में कहा:
“गांव के लगभग सभी निवासी मारे जा चुके हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार केवल एक व्यक्ति जीवित मिला है।”
ग्रुप ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संयुक्त राष्ट्र (UN) और अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों से आपातकालीन सहायता और शवों की खोज-बचाव कार्यों में मदद की अपील की है।
गृहयुद्ध के कारण सहायता पहुंचाना हो रहा है मुश्किल
यह प्राकृतिक आपदा ऐसे समय पर आई है जब सूडान पहले से ही गंभीर गृहयुद्ध से जूझ रहा है। सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (RSF) के बीच अप्रैल 2023 से जारी संघर्ष अब पूरे देश को अपनी चपेट में ले चुका है।
दारफुर का अधिकांश हिस्सा, खासकर मर्राह पर्वत, संयुक्त राष्ट्र और राहत एजेंसियों के लिए लगभग दुर्गम हो चुका है।
40,000 से ज्यादा मौतें, 1.4 करोड़ से अधिक विस्थापित
- इस गृहयुद्ध में अब तक 40,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
- 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं।
- कई क्षेत्रों में भोजन की भारी किल्लत है और लोग घास खाकर जीवित रहने को मजबूर हैं।
- मर्राह पर्वत में सक्रिय सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी ने अब तक किसी पक्ष का समर्थन नहीं किया है, लेकिन यह क्षेत्र संघर्ष का प्रमुख केंद्र बन चुका है।