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SIP करने से पहले कैसे चुनें हाई-रिटर्न म्यूचुअल फंड? जानें निवेश से पहले ये जरूरी बातें

नई दिल्ली। आजकल SIP यानी Systematic Investment Plan निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो चुका है, लेकिन सिर्फ SIP शुरू कर देना ही काफी नहीं है। अगर सही म्यूचुअल फंड का चुनाव न किया गया तो आपके निवेश का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए जरूरी है कि आप अपने उद्देश्य, जोखिम सहने की क्षमता और फंड की विशेषताओं को समझकर ही निवेश करें।

सबसे पहले यह तय करें कि आपका निवेश का मकसद क्या है। अगर आप रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई जैसे लंबे समय (15–20 साल) के लिए निवेश कर रहे हैं तो इक्विटी फंड आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। वहीं, 3 से 5 साल की अवधि के लिए बैलेंस्ड या हाइब्रिड फंड उपयुक्त हैं। अगर आपका लक्ष्य 3 साल से कम समय का है तो डेट फंड सुरक्षित और स्थिर विकल्प हैं।

निवेश से पहले अपनी जोखिम सहने की क्षमता को समझना आवश्यक है। इक्विटी फंड ज्यादा जोखिम वाले होते हैं, लेकिन लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं। डेट फंड कम जोखिम और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं, जबकि हाइब्रिड फंड दोनों का मिश्रण होते हैं।

सही फंड चुनने के लिए पिछले 3, 5 और 10 साल का प्रदर्शन देखें। सिर्फ एक साल का रिटर्न देखकर निर्णय न लें। फंड का बेंचमार्क और अन्य फंड्स से तुलना करें। फंड मैनेजर का अनुभव भी मायने रखता है।

एक अच्छे म्यूचुअल फंड में डाइवर्सिफिकेशन जरूरी है। अलग-अलग कंपनियों और सेक्टरों में निवेश करने वाले फंड जोखिम को कम करते हैं। साथ ही, एक्सपेंस रेशियो कम होना चाहिए ताकि आपके रिटर्न पर अतिरिक्त शुल्क का असर न पड़े।

इसके अलावा Sharpe Ratio, Beta और Standard Deviation जैसे जोखिम मापदंडों की मदद से फंड का मूल्यांकन करें। ज्यादा Sharpe Ratio का मतलब है कि फंड कम जोखिम में बेहतर रिटर्न देता है।

फंड का AUM (Asset Under Management) भी जांचें। बहुत छोटा AUM जोखिम बढ़ा सकता है, जबकि बहुत बड़ा AUM रिटर्न घटा सकता है। मिड-साइज AUM वाले फंड्स बेहतर माने जाते हैं। भरोसेमंद AMC जैसे SBI, HDFC, ICICI और Axis की योजनाओं को प्राथमिकता दें।

साथ ही इन गलतियों से बचें:
सिर्फ पिछले साल का रिटर्न देखकर फंड न चुनें।
एक्सपेंस रेशियो और AMC की साख की उपेक्षा न करें।
निवेश अवधि से मेल न खाने वाले फंड में पैसा न लगाएं।
अत्यधिक या अपर्याप्त डाइवर्सिफिकेशन से बचें।

SIP शुरू करने के बाद भी साल में कम से कम एक बार फंड की समीक्षा करें। लगातार खराब प्रदर्शन या फंड मैनेजर बदलने की स्थिति में योजना की समीक्षा करना जरूरी है।

अगर आप सही योजना, उचित अवधि और जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करेंगे तो SIP लंबे समय में आपको बड़ी संपत्ति बनाने में मदद करेगा।

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